अनिल मेनन
अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में भारतीय नागरिक या फिर भारतीय मूल के लोग एक से बढ़कर एक माइलस्टोन स्थापित कर रहे हैं. इसी क्रम में एक और मामला सामने आया है, जिसमें भारतीय मूल के नासा अंतरिक्ष यात्री अनिल मेनन पहली बार 2026 में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के लिए रवाना होंगे. इसकी पुष्टि अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने भी मंगलवार को कर दी है.
नासा की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि मेनन उसके एक्सपीडिशन 75 अंतरिक्ष मिशन का हिस्सा होंगे, जिसे जून 2026 के आसपास लॉन्च किया जाना है. मेनन रोस्कोस्मोस सोयुज एमएस-29 अंतरिक्ष यान पर सवार होकर आईएसएस मिशन के लिए उड़ान भरेंगे. उनके साथ रोस्कोस्मोस के अंतरिक्ष यात्री प्योत्र डबरोव और अन्ना किकिना भी होंगे.
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने ये भी कहा है कि कजाकिस्तान के बैकोनूर कॉस्मोड्रोम से लॉन्च होने के बाद चालक दल के सभी सदस्य लगभग 8 महीने परिक्रमा प्रयोगशाला में गुजारेंगे.
कौन हैं अनिल मेनन?
अनिल मेनन भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक हैं. उनका जन्म अमेरिका के मिनियापोलिस में हुआ था. अनिल मेनन एक आपातकालीन चिकित्सा चिकित्सक और मैकेनिकल इंजीनियर हैं. वह यूनाइटेड स्टेट्स स्पेस फोर्स में कर्नल के रूप में काम कर चुके हैं. नासा के साथ फ्लाइट इंजीनियर के रूप में काम कर रहे मेनन को साल 2021 में अंतरिक्ष एजेंसी के अंतरिक्ष यात्री कार्यक्रम के लिए चुना गया था. 3 साल के कठोर प्रशिक्षण के बाद उन्होंने 23वें अंतरिक्ष यात्री वर्ग के साथ स्नातक किया.
अनिल मेनन अपने खाली समय में अभी भी मेमोरियल हरमन के टेक्सास मेडिकल सेंटर में आपातकालीन चिकित्सा का अभ्यास करते हैं. अनिल मेनन ने साल 2014 में अपने करियर के शुरुआत नासा फ्लाइट सर्जन के रूप में की और तब से सोयुज मिशन सोयूज 39 और सोयुज 43 के लिए डिप्टी क्रू सर्जन के रूप में जमीन से ISS पर चार लंबी अवधि के क्रू सदस्यों को सहायता प्रदान की है.
नासा के स्पेसएक्स डेमो-2 मिशन पर पहले क्रू ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट को लॉन्च करने में मदद की और आने वाले वर्षों के लिए नासा के स्पेस मिशन के लिए चिकित्सकीय जरूरतों को पूरा करने के लिए मेडिकल इंस्टीटृयूशन का भी निर्माण किया.